मेरा आँगन

मेरा आँगन

Sunday, November 11, 2007

३-बाल–गीत

नवीन चतुर्वेदी

1- बंदर मामा धम्म धडाम



बंदर कूदा डाली–डाली
मारी एक छलांग ,
नीचे से गदहा चिल्लाया
मामा मेरा सलाम।
बंदर मामा ने सलाम को
ज्यों ही हाथ उठाया ,
फिसला पैर , गिरे धरती पर
सीधे धम्म धडाम।

2- हाथी का पाजामा

हाथी ने अपनी शादी में
पाजामा सिलवाया ,
नाप लिया बंदर मामा ने
उन्हें पसीना आया।
बोले–‘‘इसमें लग जाएंगे
पूरे दो-दो थान।‘‘
हाथी बोला–‘‘एक थान में
मामा जाओ मान।‘‘
बंदर बोला–‘‘नही–नहीं फिर
अंडरवियर सिलाओ
उसे पहनकर धूम–धाम से
ब्याह रचाने जाओ।”
….……………


3- शिकारी की शान


जंगल भर में शोर मच गया
आया एक शिकारी ,
जिसने आकर चार बतख
और एक लोमड़ी मारी।
हाथी बोला–‘‘मुझे अगर
मिल जाए वह शैतान ,
सिर से पकड़ पटक दूँ फौरन
और निकालूँ शान ।”

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