मेरा आँगन

मेरा आँगन

Saturday, July 12, 2008

अमृतमय हो जीवन


हरियाली छाई हो हर कदम पर सदा
बने रिमझिम– रिमझिम फुहारों -सा जीवन ।
कहीं भी तपन न हो पथ में तुम्हारे
हर पल हो सुखद बयारों का जीवन ।
पावन हों सम्बन्ध गंगा की तरह
अमृतमय हो सब किनारों का जीवन ।