मेरा आँगन

मेरा आँगन

Thursday, December 15, 2011

ओ मेरी मैया !



-रामेश्वर काम्बोज ’हिमांशु’
बात सुनो  ओ मेरी मैया !
ला दो मुझको ,सोनचिरैया
उसको दाना ,रोज़ खिलाऊँ
जीभर उससे ,मैं बतियाऊँ
उड़ना सीखूँ,मैं भी उससे
उसको मैं हँसना सिखलाऊँ
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