मेरा आँगन

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Wednesday, November 2, 2011

कच्चे साँचे -पक्के साँचे



दीपावली के दिन  फुलझड़ी पटाखे तो छोड़ने के लिए मिले ही । इससे बढ़कर मिहिर और मयंक को मिल गए साँचों के साथ क्ले और रंग भी । फिर नींद आती भी तो कैसे ! मम्मी -पापा सो रहे थे कि दोनों भाई चुपचाप सुबह चार बजे जाग गए । क्ले निकाली , साँचे सँभाले। नीला और पीला रंग मिलाकर हरा रंग भी तैयार कर लिया । नींद को बिदा करके इन दोनों पंचवर्षीय बच्चों ने क्या किया ? आप भी देखिए !