१
आई
होली रंग कमाल ,
निकली
टोली लिए गुलाल |
पाँव
छुए फिर सभी बड़ों के ;
किया
साथियों संग धमाल ||
२
मुँह
रँगा है पीला-काला ,
ले
पिचकारी रंग जब डाला |
झूठ-मूठ
अम्मा गुस्साईं ;
खिल-खिल
करती भागी बाला ||
होली
की खूब-खूब शुभ कामनाओं के साथ
डॉ. ज्योत्स्ना
शर्मा
04-03-15
चित्र गूगल से साभार
5 comments:
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 5-3-2015 को चर्चा मंच पर हम कहाँ जा रहे हैं { चर्चा - 1908 } पर दिया जाएगा
धन्यवाद
रंगों से सराबोर सुंदर रचना…रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ :))
बढ़िया रहा वानर सेना का धमाल!
सुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
हृदय से आभार आपका !
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
Post a Comment