मेरा आँगन

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Wednesday, April 11, 2012

अन्तर समझिएगा


 किसी भी  शब्द में दो स्वर एक साथ  नहीं जुड़ते ।   हिन्दी के प्रकाशक भी इन गलतियों के लिए जिम्मेदार हैं ।
वर्ण विन्यास समझ लें तो दिक्कत नहीं होगी ।
1-प्+र्+अ=प्र
2-द्+ध्+अ= द्ध
3-श् + र्+अ= श्र
4-श्+ॠ = शृ
 5-श् +र्+अ+ॠ =  श्रृ= हिन्दी में इसका अस्तित्व केवल गलत प्रयोगों में है ।कारण,दो स्वर एक साथ नहीं आ सकते।
6-ध्द=X कुछ लोग युध्द इस तरह लिखते हैं , जो गलत है ।
सही रूप है -युद्ध
8-कोई महाप्राण इस रूप में अल्पप्राण से पहले नहीं आता ।
र् का प्रयोग -क+र्+म= कर्म  अगले वर्ण पर होता है । कुछ लोग  आशीर्वाद को  भूलवश  आर्शीवाद लिखते हैं ।
श के पहले भाग को अलग घुण्डी की तरह भी बनाया जाता है जो पुराने समय से आज तक शब्दकोशों में शामिल है ।
इसे शब्द चित्र में समझाया गया है ।

20 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वाह .... बहुत अच्छा लगा भाषा का शुद्ध रूप जान समझ सकें ...अच्छा प्रयास

डॉ अनिता कपूर said...

इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए शुक्रिया ...

Rachana said...

भैया आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है छोटे बड़ों सभी के लिए महत्वपूर्ण
आभार
रचना

ऋता शेखर 'मधु' said...

उपयोगी जानकारी|

परमजीत सिहँ बाली said...

बढिया जानकारी।आभार।

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

boht hee vadiyaa

डॉ. जेन्नी शबनम said...

ऐसी छोटी छोटी गलतियां अक्सर देखने में आती हैं. और कई बार पाठ्य पुस्तक में भी ऐसी गलती दिखी है तब खुद के जाने हुए पर संदेह हो जाता है. जब किसी पुस्तक में अशुद्ध शब्द को पढ़ती हूँ तो लगता है कि जिसे मैं सही मान रही थी वो गलत है क्योंकि पुस्तक का विद्वान लेखक गलत नहीं हो सकता. वैसे इस बारे में आपसे बातें कर शुद्ध शब्द के बारे में जाना है. हिंदी भाषा प्रयोग पर आप जानकारी देते रहें ताकि हम भी अपनी त्रुटियों को समझ सकें. जानकारी देने के लिए धन्यवाद.

प्रियंका गुप्ता said...

यह तो अशुद्धियों की गहन जानकारी दी है आपने, आभार...बहुत काम की हैं...।

Jyotirmai said...

बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने.धन्यवाद .अक्सर इस प्रकार की त्रुटियाँ देखने को मिलती हैं .आशीर्वाद को आर्शीर्वाद ,कृपया को कृप्या आदि .

Anonymous said...

हिमांशु जी इतनी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बहुत धन्यवाद।
आभार
कृष्णा वर्मा

Dr.Bhawna Kunwar said...

Bahut achchhi jaankari mili aabhaar...

कविता रावत said...

bahut badiya upyogi jaankari..aabar..

मुकेश कुमार सिन्हा said...

achchhi baaten samjhayee..:)

Darshan Darvesh said...

बहुत कुछ सीखने को मिला है |

sushila said...

आज तक शब्दकोशों और पुस्तकों ने दिग्भ्रमित ही रखा। हार्दिक आभार इस जानकारी के लिए।

सुनीता काम्बोज said...

सादर आभर आदरणीय बहुत सुंदर जानकारी

Satya sharma said...

इतनी अच्छी जानकारी के लिए सादर धन्यवाद भौया जी

नीलाम्बरा.com said...

साधुवाद, आप महत्त्वपूर्ण जानकारी देकर ज्ञानवर्धन कर रहे हैं।

ज्योति-कलश said...

बहुत ज्ञानवर्धक , हृदय से आभार आपका 🙏

Shashi Padha said...

हम कितनी बार सही और गलत के अंतर को बिना जाने गलत ही लिख देते हैं | मैंने आज तक श्रृंगार ही लिखा जबकि यह गलत है | आभार आपका सही वर्तनी बताने के लिए |

शशि पाधा