कहाँ गए कुत्ते के सींग ?
पहले दुनिया ऐसी नहीं थी; यह बात वैज्ञानिक भी मानते हैं और समाज भी। पूर्वोत्तर राज्यों में यह मान्यता है कि पहले कुत्ते के सींग होते थे। फिर वे सींग गए कहाँ ? कहीं तो गए होंगे ना ? यह पुस्तक नगालैण्ड की एक ऐसी ही मान्यता पर आधरित है।
लो गर्मी आ गई

चिड़िया भी आसमान में उड़ती है और वायुयान भी, लेकिन दोनों एक दूसरे को देख कर दूर भागते हैं। यह कहानी है ऐसी ही दूर की दोस्ती की।
पहिया
गाँव के बच्चे का खिलौना, दोस्त, हमराही ; सभी कुछ एक उपेक्षित सा पड़ा पहिया बन जाता है। एक पहिए की नजर एक गाँव का सफर ।
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