मेरा आँगन

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Tuesday, July 21, 2015

मेरी माँ



जाह्नवी लाटियान,कक्षा 5
(वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल,सैक्टर-13 रोहिणी, नई दिल्ली)

मेरी माँ है सबसे न्यारी ।
मैं हूँ उसकी राजदुलारी ।
मैं उनकी आँखों का तारा।
उन जैसा कोई मुझे न प्यारा।

मेरा हौसला  सदा बढ़ाती।
मुझको अच्छे से  है पढ़ाती।
मुझे देती वह अच्छा ज्ञान।
सदा रखूँगी मैं उनका मान।

दिन-रात वो करती  काम।
करती नहीं  पल भर आराम।
मेरे जगने से पहले उठ जाती।
 मेरे सोने के बाद  सो पाती।

देखा नहीं उन्हें करते आराम।
करती रहती वो सदा काम।
आती उनमें कहाँ से शक्ति।
करती हूँ मैं माँ की भक्ति।

उनके जैसा और न दूजा।
क्यों न करूँ मैं उनकी पूजा।
मेरी माँ है सबसे न्यारी।
मैं हूँ उसकी राजदुलारी।
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16 comments:

Sanjiv Nigam said...

Shabaash

ंManju Mishra said...

मेरी माँ है सबसे न्यारी ।
मैं हूँ उसकी राजदुलारी ।
मैं उनकी आँखों का तारा।
उन जैसा कोई मुझे न प्यारा।

वाह … जान्हवी अाप की कविता तो बहुत प्यारी है । बहुत सारी अौर ऐसी ही सुन्दर सुन्दर कवितायें लिखती रहो !

स्वराज सिंह said...

माँ को समर्पित कविता संवेदनशील,नैतिक मूल्यों को स्थापित करने वाली बहुत ही भावपूर्ण है।मेरी और से नन्ही जाह्नवी को हृदय को छू लेने वाली रचना के लिए ढेर सारी सस्नेह बधाई।

Anita Manda said...

आपकी तरह ही आपकी कविता बहुत सुंदर।हार्दिक स्नेह,बधाई।

सविता अग्रवाल 'सवि' said...

प्रिय जान्हवी बहुत प्यारी कविता है ! माँ के प्रति उदगार ह्रदय से निकले हैं ! बधाई !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (22-07-2015) को "मिज़ाज मौसम का" (चर्चा अंक-2044) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

ज्योति-कलश said...

कविता और माँ की दुलारी बिटिया दोनों ही बहुत प्यारी हैं |प्रिय जाह्नवी को बहुत बधाई ,शुभकामनाएँ !!

vipin latiyan said...

मेरी नन्ही परी को हार्दिक शुभकामनाएँ। :- पापा।

Krishna said...

जह्नवी आपने बहुत प्यारी कविता लिखी है यूँही लिखती रहो। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

Unknown said...

बिटिया जाह्नवी बहुत प्यारी माँ की राजदुलारी की कविता ।तुम जैसी हो सब बच्चों में मातृ भक्ति उतर आये स्वर्ग धरा पर ।शाबाश ! खूब पढ़ना ।खूब लिखना । माता पिता तेरे जैसी गुणी बिटिया पा कर अपने भाग्य को सराहते न थकें ।ढेर सारा आशीर्वाद ।

Unknown said...

Achchhi kvita.shubhkamnayen.

Anita Lalit (अनिता ललित ) said...

वाह! बहुत ही प्यारी कविता ! बिल्कुल आपकी तरह... प्रिय जाह्नवी !
ढेर सारे आशीष, स्नेह एवं शुभकामनाओं के साथ...

~अनिता ललित

Shashi Padha said...

प्यारी सी जान्हवी को इस प्यारी कविता के लिए बहुत बहुत बधाई |

शशि पाधा

प्रियंका गुप्ता said...

अरे वाह ! जाह्नवी बेटी...तुमने तो दिल खुश कर दिया...| बिलकुल तुम्हारी तरह ही प्यारी तुम्हारी रचना...| खूब पढो...खूब लिखो...| मेरी शुभकामनाएँ और आशीर्वाद...|

Dr.Bhawna Kunwar said...

उनके जैसा और न दूजा।
क्यों न करूँ मैं उनकी पूजा।
मेरी माँ है सबसे न्यारी।
मैं हूँ उसकी राजदुलारी।

maa ke prti bahut pyara dular samman ,bahut payari rachna likhi payari bachhi ne dheron shubhkamnaye...

Unknown said...

bahut acche Jhanvi.All the best for your future endeavors