क्या बात है...! आज के इस मशीनी युग में लोरियाँ जैसे लुप्त हो गई हैं...उन्हें फिर से इतनी प्यारी लोरी के रूप में हमारे सामने लाने के लिए आभार और बधाई...।प्रियंका
सुधा जी आपकी इतनी मधुर लोरी पढ़ मन गद्गद हो गया।
Sudha ji बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति .. अति सुन्दर अहसास.... आभार और बधाई..! Dr Saraswati Mathur
बढियाबहुत सुंदर
कितनी प्यारी प्यारी रोली है आप गायें हम सो जाएँसादररचना
सुन्दर रचना है..
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छोटे बच्चे की मुस्कान और साम वेद का गान, दोनों में एक जैसी पावनता निहित है ।
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क्या बात है...! आज के इस मशीनी युग में लोरियाँ जैसे लुप्त हो गई हैं...उन्हें फिर से इतनी प्यारी लोरी के रूप में हमारे सामने लाने के लिए आभार और बधाई...।
प्रियंका
सुधा जी आपकी इतनी मधुर लोरी पढ़ मन गद्गद हो गया।
Sudha ji
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति .. अति सुन्दर अहसास.... आभार और बधाई..!
Dr Saraswati Mathur
बढिया
बहुत सुंदर
कितनी प्यारी प्यारी रोली है आप गायें हम सो जाएँ
सादर
रचना
सुन्दर रचना है..
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