मेरा आँगन

मेरा आँगन

Tuesday, April 11, 2017

138

ज्योत्स्ना प्रदीप
1
सूरज दादा

सूरज दादा सूरज दादा
रोज़ निभाते अपना  वादा ।

सुबह सवेरे ही तुम आते
 इस जग को तुम रोज़ जगाते।

गरमी में तन को झुलसाते
सरदी  में कितना इतराते ।

तुम ही करते  जग उजियारा 
तुम बिन जग में है  अँधियारा ।
2
मोर  निराला

नीला-नीला मोर  निराला
नाचे देखे मेघा काला।

पंखों को वो जब फैलाए
जो देखे मोहित हो जाए ।

सुन्दर -सुन्दर  प्यारा प्यारा
राष्ट्रीय पक्षी यही हमारा ।
3
 टामी
  टामी  मेरे कुत्ते का नाम
करता घर के बहुत से काम ।
मुँह में वो अखबार दबाता
पापा को झटपट दे आता ।

जब हम उसको ब्रेड खिलाएँ
तभी प्यार से पूँछ हिलाए  ।
 इक खटके से देखो  चौके
शक होने पर कितना भौंके ।
4
 तोता

मीतू ने एक तोता पला
बातूनी पर भोला भाला  ।

करते  हैं उसे सभी  पसंद
कर किया उसे  पिंजरे में बंद ।

नीतू ने जब पिजरा खोला
यहीं रहूँगा’-  तोता  बोला।

मुझको  लगता घर ये प्यारा
मैं सबकी आँखों का तारा ।
5
 नानी   दादी

मेरी प्यारी नानी दादी
मैं तो उनकी  हूँ शहज़ादी ।
आँखें उनकी काली -भूरी
मुझे खिलाती हलवा -पूरी ।

मेरी नानी  जब  घर आती
दोनों मिलकरके बतियाती ।

मैं  करती हूँ उनकी  सेवा
देती मुझको टॉफी , मेवा  ।

-0-

15 comments:

ज्योति-कलश said...

बहुत सुन्दर , प्यारी-प्यारी कविताएँ |
'तोता' तो बहुत ही प्यारा लगा :)
हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी !!

सुनीता काम्बोज said...

बहुत मनमोहक प्यारी -प्यारी बाल रचनाएँ पढ़ कर आनंद आ गया ...हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी

सुनीता काम्बोज said...

बहुत मनमोहक मनभावन बाल रचनाएँ पढ़कर मन आनंद से भर गया..हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी

रमेशराज तेवरीकार said...

सुंदर सरस बाल गीत

Rekha said...

बाल-मन को उजागर करती
सरस सरल कविताएँ ........
हार्दिक बधाई !!

Satya sharma said...

बहुत ही प्यारी बाल कविताएं
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने।

sushila said...

सभी रचनाएँ सुंदर।
सूरज और दादी-नानी ने खूब लुभाया।
बधाई ज्योत्स्ना बहन

Pushpa mehra said...

बहुत सुंदर कविताएँ हैं,ज्योत्स्ना जी बधाई |

पुष्पा मेहरा

Anita Manda said...

प्यारे प्यारे विषय चुने हैं, बालमन को अवश्य पसंद आएँगी ये कविताएँ। बधाई।

Dr.Purnima Rai said...

बहुत प्यारी,
मनभावन
उम्दा..रचनाएं

प्रियंका गुप्ता said...

प्यारे-प्यारे बचपन को याद दिलाती मीठी-मीठी कविताओं के लिए खूब सारी बधाई...|

sunita pahuja said...

हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी !सुंदर बाल कविताएँ

Jyotsana pradeep said...

बहुत - बहुत आभारी हूँ आदरणीय हिमाँशु जी की
मेरी कविताओं को यहाँ स्थान दिया !
सखी ज्योत्स्ना जी बहुत - बहुत आभार आपका रचनाओं को पसंद करने के लिए !

सुनीता काम्बोज said...

बहुत सुंदर मनभावन रचनाएँ सखी ..हार्दिक बधाई

radha tiwari( radhegopal) said...

बहुत सुन्दर बाल कविताऐ....