ज्योत्स्ना प्रदीप
1
सूरज दादा
सूरज दादा सूरज दादा
रोज़ निभाते अपना
वादा ।
सुबह सवेरे ही तुम आते
इस जग को तुम
रोज़ जगाते।
गरमी में तन को झुलसाते
सरदी में कितना
इतराते ।
तुम ही करते जग
उजियारा
तुम बिन जग में है
अँधियारा ।
2
मोर
निराला
नीला-नीला मोर
निराला
नाचे देखे मेघा काला।
पंखों को वो जब फैलाए
जो देखे मोहित हो जाए ।
सुन्दर -सुन्दर
प्यारा प्यारा
राष्ट्रीय पक्षी यही हमारा ।
3
टामी
टामी मेरे कुत्ते का नाम
करता घर के बहुत से काम ।
मुँह में वो अखबार दबाता
पापा को झटपट दे आता ।
जब हम उसको ब्रेड खिलाएँ
तभी प्यार से पूँछ हिलाए ।
इक खटके से
देखो चौके
शक होने पर कितना भौंके ।
4
तोता
मीतू ने एक तोता पला
बातूनी पर भोला भाला
।
करते हैं उसे
सभी पसंद
कर किया उसे
पिंजरे में बंद ।
नीतू ने जब पिजरा खोला
‘यहीं
रहूँगा’- तोता बोला।
मुझको लगता घर
ये प्यारा
मैं सबकी आँखों का तारा ।
5
नानी
दादी
मेरी प्यारी नानी ,
दादी
मैं तो उनकी
हूँ शहज़ादी ।
आँखें उनकी काली -भूरी
मुझे खिलाती हलवा -पूरी ।
मेरी नानी
जब घर आती
दोनों मिलकरके बतियाती ।
मैं करती हूँ
उनकी सेवा
देती मुझको टॉफी , मेवा
।
-0-
15 comments:
बहुत सुन्दर , प्यारी-प्यारी कविताएँ |
'तोता' तो बहुत ही प्यारा लगा :)
हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी !!
बहुत मनमोहक प्यारी -प्यारी बाल रचनाएँ पढ़ कर आनंद आ गया ...हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी
बहुत मनमोहक मनभावन बाल रचनाएँ पढ़कर मन आनंद से भर गया..हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी
सुंदर सरस बाल गीत
बाल-मन को उजागर करती
सरस सरल कविताएँ ........
हार्दिक बधाई !!
बहुत ही प्यारी बाल कविताएं
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने।
सभी रचनाएँ सुंदर।
सूरज और दादी-नानी ने खूब लुभाया।
बधाई ज्योत्स्ना बहन
बहुत सुंदर कविताएँ हैं,ज्योत्स्ना जी बधाई |
पुष्पा मेहरा
प्यारे प्यारे विषय चुने हैं, बालमन को अवश्य पसंद आएँगी ये कविताएँ। बधाई।
बहुत प्यारी,
मनभावन
उम्दा..रचनाएं
प्यारे-प्यारे बचपन को याद दिलाती मीठी-मीठी कविताओं के लिए खूब सारी बधाई...|
हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी !सुंदर बाल कविताएँ
बहुत - बहुत आभारी हूँ आदरणीय हिमाँशु जी की
मेरी कविताओं को यहाँ स्थान दिया !
सखी ज्योत्स्ना जी बहुत - बहुत आभार आपका रचनाओं को पसंद करने के लिए !
बहुत सुंदर मनभावन रचनाएँ सखी ..हार्दिक बधाई
बहुत सुन्दर बाल कविताऐ....
Post a Comment