चिड़िया
रानी
प्रियंका गुप्ता
मेरे आँगन में तुम आना
रोज सवेरे जब आओगी
डालूँगी मैं तुमको दाना ।
अपने छोटी चोंच खोलकर
मुझको मीठे गीत सुनाना
मैं भी साथ तुम्हारे मिलकर
गाऊँगी फिर गीत सुहाना॥
मैं
जब देखा करती तुमको
दूर गगन में आते-जाते
सोचा करती हूँ मुझको भी
काश पंख तुझसे मिल पाते
मैं भी उड़ती साथ तुम्हारे
नभ में पंखों को फैलाकर
इधर-उधर मैं घूमा करती
खुश
हो जाती गाना गाकर
-0-
13 comments:
प्रियंका जी बहुत प्यारी बाल रचना अति सुंदर..हार्दिक बधाई आपको
मैं भी उड़ती साथ तुम्हारे
नभ में पंखों को फैलाकर
इधर-उधर मैं घूमा करती
खुश हो जाती गाना गाकर|
वाह प्रियंका जी.....बहुत सुन्दर कविता!!.
हार्दिक बधाई आपको!!
सुंदर सरस बालगीत, प्रियंका जी हार्दिक बधाई
कलरव सा मधुर गीत !
हार्दिक बधाई !!
बहुत प्यारा मनभावन गीत|
हार्दिक बधाई प्रियंका जी को !!
बहुत दिनों बाद सरस बाल कविता का आनंद मिला
बधाई प्रियंका जी
मैं जब देखा करती तुमको
दूर गगन में आते-जाते
सोचा करती हूँ मुझको भी
काश पंख तुझसे मिल पाते
बहुत प्यारी सी बाल कविता है प्रियंका । सच कहा अक्सर उड़ते हुए पक्षियों को देख कर मन में अाता है कि काश हमारे भी पंख होते तो कितना अच्छा होता। हम भी खुले अासमान में दूर दूर तक उड़ कर अाते
प्रियंका जी बहुत प्यारी बालकविता है|इसे सुनकर सभी बच्चे बहुत खुश होंगे |बधाई हो |
आप सभी की इतनी प्यारी प्रतिक्रियाओं के लिए दिल से आभारी हूँ...|
बहुत प्यारी कविता!
हार्दिक बधाई प्रियंका जी!
~सादर
अनिता ललित
बहुत ही सरस लयात्मक कविता है |बधाई b
पुष्पा मेहरा
बहुत सुन्दर ,सरस कविता !
बच्चों के मन जैसी ही सरल , मधुर !!
हार्दिक बधाई प्रियंका जी !!
बहुत सुंदर बाल रचना!
बधाई प्रियंका जी
Post a Comment