मेरा आँगन

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Monday, March 16, 2020

154-सवेरा


डॉ.अर्पिता अग्रवाल
1.सवेरा

सूरज जागा रथ को हाँका,
चंदा मामा सोने भागा,
मुर्गों ने फिर बाँग लगाई,
बस्ती ने भी ली अँगड़ाई
झोंका तभी हवा का आया,
चिड़ियों ने मिल गाना गाया,
भोर उजाला लेकर आई
जागो, उठकर दौड़ो भाई।
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2 .सूरज की सवारी

सूर्य की सवारी आई,
सतरंगी उजास है लाई
हरा रंग पौधों से खेला,
नील रंग बिखरा अलबेला
रंग-बिरंगा बाग़ सजाओ,
खिलो-खिलाओ हँसो हँसाओ।
खुशबू की मटकी भर लाओ
सारी दुनिया को महकाओ ।
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