कमज़ोर दृष्टि वाले बच्चे
( प्राथमिक विद्यालयोंके अध्यापकों के लिए एक संदर्शिका)
लेखिका : अनीता जुल्का
मूल्य :26 रुपए ,पृष्ठ :56, प्रकाशक :राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् ,श्री अरविन्द मार्ग नई दिल्ली-110016
कक्षा का रूप प्राय: सामान्य को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है ।किसी भी प्रकार की कमज़ोरी वाले बच्चे के लिए उसमें अलग से कोई स्थान नहीं है।शिक्षण को छात्र केन्द्रित करने के लिए हर छात्र की विशेषता और कमी का ध्यान रखना ज़रूरी है ।इस कार्य को सजग शिक्षक ही कर सकता है ।यह पुस्तक ऐसे जागरूक शिक्षकों को दिशानिर्देश देने की सजग पहल करती है । यह पुतक छह अध्यायों में बाँटी गई है :-1-परिचय ,2-कमज़ोर दृष्टि वाले बच्चों के लिए कक्षा का व्यवस्थापन,3-पढ़ना और लिखना,4-अनुदेश का स्तर ,5-मनोसामाजिक समस्या ,6-विचारणीय विषय के अन्तर्गत विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है । प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को यह पुस्तक ज़रूर पढ़नी चाहिए ।
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
( प्राथमिक विद्यालयोंके अध्यापकों के लिए एक संदर्शिका)
लेखिका : अनीता जुल्का
मूल्य :26 रुपए ,पृष्ठ :56, प्रकाशक :राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् ,श्री अरविन्द मार्ग नई दिल्ली-110016
कक्षा का रूप प्राय: सामान्य को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है ।किसी भी प्रकार की कमज़ोरी वाले बच्चे के लिए उसमें अलग से कोई स्थान नहीं है।शिक्षण को छात्र केन्द्रित करने के लिए हर छात्र की विशेषता और कमी का ध्यान रखना ज़रूरी है ।इस कार्य को सजग शिक्षक ही कर सकता है ।यह पुस्तक ऐसे जागरूक शिक्षकों को दिशानिर्देश देने की सजग पहल करती है । यह पुतक छह अध्यायों में बाँटी गई है :-1-परिचय ,2-कमज़ोर दृष्टि वाले बच्चों के लिए कक्षा का व्यवस्थापन,3-पढ़ना और लिखना,4-अनुदेश का स्तर ,5-मनोसामाजिक समस्या ,6-विचारणीय विषय के अन्तर्गत विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है । प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को यह पुस्तक ज़रूर पढ़नी चाहिए ।
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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