रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
6-पेड़ लगाओ
पेड़
लगाओ, पेड़ लगाओ
गुरु जी हमको समझाते ।
बिना
पेड़ धरती है सूनी
पेड़
सभी हैं खुशियाँ लाते।
मीठे
फल और सुन्दर फूल,
छाया
देकर सुखी बनाते ।
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7-मेरी गुड़िया
मेरी
भोली गुड़िया रानी
सुनती
मुझसे रोज़ कहानी।
आँखें
नीली सुन्दर बाल
परियों
-जैसी इसकी चाला
बढ़िया
जूते-कपड़े पहने
मेरी
गुड़िया के क्या कहने !
-0-
8-विद्यालय
लेकर
बस्ता हँसी -खुशी से
विद्यालय
में जाते हम ।
मिल-जुलकर
हम पढ़ते-लिखते
मिल-जुल
करके गाते हम ।
अच्छी-अच्छी
बातें ही सब
सदा
सीखकर आते हम ।
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9-मदारी
डुगडुग-
डुगडुग डमरू बजता
उछल-उछलकर
चले मदारी ।
नाचे
बन्दर और बंदरिया
भीड़
देखती उनको सारी।
रूठ
बंदरिया घर को जाती
बंदर
उसे मनाकर लाता।
कान
पकड़कर्। नाक रगड़कर
देखो
सबका मन बहलाता ।
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10-प्रार्थना
हरे-भरे
पेड़ और पौधे
हे
भगवान् ! बनाए तुमने ।
रंग-बिरंगे
ख़ुशबू वाले
अनगिन
फूल खिलाए तुमने।
तरह-रतह
की बोली वाले
पंछी
भी चहकाए तुमने ।
सूरज
चाँद रोशनी बाँटे
तारे
भी चमकाए तुमने ।
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