चिड़िया
रानी
प्रियंका गुप्ता
मेरे आँगन में तुम आना
रोज सवेरे जब आओगी
डालूँगी मैं तुमको दाना ।
अपने छोटी चोंच खोलकर
मुझको मीठे गीत सुनाना
मैं भी साथ तुम्हारे मिलकर
गाऊँगी फिर गीत सुहाना॥
मैं
जब देखा करती तुमको
दूर गगन में आते-जाते
सोचा करती हूँ मुझको भी
काश पंख तुझसे मिल पाते
मैं भी उड़ती साथ तुम्हारे
नभ में पंखों को फैलाकर
इधर-उधर मैं घूमा करती
खुश
हो जाती गाना गाकर
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