मेरा आँगन

मेरा आँगन

Friday, November 24, 2017

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हठ   कर बैठी गुड़िया रानी
गुंजन अग्रवाल

हठ   कर बैठी गुड़िया रानी, चाँद मुझे दिलवा दो।
दादी    बाबा   नाना   नानी, चाँद मुझे दिलवा दो।
छोड़  दिया  है  दाना  पानी, चाँद मुझे दिलवा दो।
करती    रहती  आनाकानी,चाँद मुझे दिलवा दो।

चाँद  गगन  में  दूर  बहुत है, समझो गुड़िया रानी।
आते  आते   धरती  पर   हो,जा सुबह सुहानी।
खाओ   पहले  एक  चपाती, पी लो  थोड़ा पानी।
नींद अभी भर लो आँखों में, करो नही मनमानी।

ममता  की  बाहों  में    घिरकर, सोई गुड़िया रानी।
सपन  सलोने    फिर   तो,खोई गुड़िया रानी।
मिलने     नील  गगन   से, चन्दा  मामा प्यारे।
किन्तु शिकायत करती गुड़िया,लाए नही सितारे।

भूल  गया  मैं  माफी  दे   दो, गुड़िया  रानी  प्यारी।
लेकर  के  मैं  आऊँगा  कल, तारों -भरी   सवारी।
बढ़ती  जाती  देख  माँग को,  चंदा  भी   घबराया।
नील गगन पर ही था अच्छा, क्योंकि  सपने में  आया।

रूठी  मटकी  बोली   माँ    से, गुड़िया सुबह सवेरे।
चन्दा   झगड़ा  करता   अच्छे, खेल  खिलौने   मेरे।
भूल गथी अपनी जिद को, भूली सब मन मानी।
चहक रही थी घर आँगन में, अब  तो  गुड़िया रानी।

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18 comments:

bhawna said...

बहुत सुंदर गीत।

Krishna said...

बहुत प्यारा गीत...बधाई।

Unknown said...

सुन्दर गीत ।बधाई

Satya sharma said...

बहुत ही प्यारी कविता
हार्दिक बधाई

ज्योति-कलश said...

बहुत सरस ,मधुर !
हार्दिक बधाई !!

Gunjan Garg Agarwal said...

बहुत बहुत शुक्रिया आआभार आपका...☺

Gunjan Garg Agarwal said...

हार्दिक आभार आपका

Gunjan Garg Agarwal said...

सादर आभार आपका...

Gunjan Garg Agarwal said...

सादर आभार आपका

Gunjan Garg Agarwal said...

सादर आभार आदरणीया

Gunjan Garg Agarwal said...

सहज साहित्य में मेरी कविता को स्थान देने के लिए हृदयतल से सादर आभार आपका कम्बोज भैया ....सादर ☺

Anita Manda said...

अद्भुत रचा !

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

बहुत प्यारी रचना

सविता अग्रवाल 'सवि' said...

बहुत प्यारी कविता है हार्दिक बधाई |

सुनीता काम्बोज said...

बहुत मनभावन गीत ...हार्दिक बधाई ।

Jyotsana pradeep said...

बहुत सुन्दर गीत गुंजन जी ...हार्दिक बधाई!

Vibha Rashmi said...

प्रिय गुंजन बधाई प्यारा है बालगीत ।

प्रियंका गुप्ता said...

सच्ची, आनंद आ गया...| यूँ ही कभी हम भी ऐसी भोली सी माँग किया करते थे न...|
बहुत बधाई...|