Saturday, August 15, 2015
Sunday, August 9, 2015
बोल रे बादल
कमला निखुर्पा
बोल रे बादल, बादल बोल।
तुम गरजो तो नाचे
मोर
![]() |
गूगल से साभार |
जो हम गरजें तो
मचता शोर
टीचरजी हम पर
गुर्राती
कित्ता समझाएँ
वो समझ ना पाती।
खुल जाती हम सबकी
पोल ।
बोल रे बादल, बादल बोल।
छप-
छपाछप कूदा-फाँदी
भीगे- भिगोए हम सब साथी
करें गुदगुदी नटखट बूँदें
कितने मजे का है ये
खेल
न खिड़की से झाँको
चुन्नू मुन्नू
बाहर आ
दरवाजे खोल।
बोल रे बादल बादल बोल।
ये तेरी नाव ,वो
मेरी नाव
बिन माँझी पतवार के
बह चली रे अपनी नाव
कागज की नैया
मुन्नू खिवैया
सब चिल्लाएं हैय्या
हो हैय्या !!
इन खुशियों का है
कोई मोल ??
बोल रे बादल बादल
बोल।
-0-
Tuesday, July 21, 2015
मेरी माँ
जाह्नवी लाटियान,कक्षा 5
(वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल,सैक्टर-13 रोहिणी, नई दिल्ली)
मेरी माँ है सबसे न्यारी
।
मैं हूँ उसकी राजदुलारी
।
मैं उनकी आँखों का तारा।
उन जैसा कोई मुझे न प्यारा।
मेरा हौसला सदा बढ़ाती।
मुझको अच्छे से है पढ़ाती।
मुझे देती वह अच्छा ज्ञान।
सदा रखूँगी मैं उनका मान।
दिन-रात वो करती काम।
करती नहीं पल भर आराम।
मेरे जगने से पहले उठ जाती।
मेरे सोने के बाद सो पाती।
देखा नहीं उन्हें करते
आराम।
करती रहती वो सदा काम।
आती उनमें कहाँ से शक्ति।
करती हूँ मैं माँ की भक्ति।
उनके जैसा और न दूजा।
क्यों न करूँ मैं उनकी
पूजा।
मेरी माँ है सबसे न्यारी।
मैं हूँ उसकी राजदुलारी।
-0-
Friday, July 10, 2015
देश-प्रेम
सृष्टि
कक्षा 7वीं डी
विकास भारती पब्लिक स्कूल रोहिणी नई दिल्ली
-
देश के लिए जो है जान गँवाते
नहीं कभी वे शीश झुकाते
स्वाभिमान से रहना सिखाते
देश के रक्षक वे कहलाते ।
सीमा के हैं वे अटल प्रहरी
दुश्मन की गोली सीने पर खाते
![]() |
चित्र: गूगल से साभार |
कभी न किसी को पीठ दिखाते
मरने पर वे शहीद कहाते
है वे भी किसी माँ के लाल
किसी के पिता किसी के भाई
इनके ही कारण हम चैन से सोते
देख सकते नहीं वे किसी को रोते
पढ़-लिख कर हम आगे बढ़ेंगे
अच्छे-अच्छे नित कर्म करेंगे
देश का मान
बढ़ाएँगें
अच्छे बच्चे कहलाएँगे
हम भी देश की सेवा करेगे
देश से भ्रष्टाचार मिटाएँगे
देश को आगे बढ़ाएँगे
खुशहाल सभी को बनाएँगें
हरा-भरा हो देश हमारा
धन-धान्य से हो यह पूरित
स्वच्छ रहे यह धरा हमारी
जन-जन रहे यहाँ का हर्षित
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