विजय जोशी, पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल
क्रिकेट एक विशिष्ट खेल है, जिसमें न केवल
एकाग्रता बल्कि खेल कला का अदभुत समायोजन है।यही कारण है
अंतिम बाल तक रोमांचकारी इस खेल को देखने के लिए लोग महीनों पहले से लालायित रहते हैं और कई बार तो अंतिम चरण तक उनकी साँसें थमी रहती हैं।खिलाड़ियों के लिए भी
चुस्त, दुरुस्त होने के साथ ही साथ एकाग्र चित्त से
हर बाल को खेल पाना एक अनिवार्य शर्त है।लेकिन आपको
यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस में प्रबंधन की दृष्टि से भी अनेक संदेश छुपे हुए हैं।आइए उन
पर एक नज़र डालें:-
1- सफलता (Success) : खिलाड़ी पूरे मन से
खेलते हुए जब शतक की आखरी बाल को खेलता है, तो सारा मैदान अभिनंदन की
मुद्रा में झूम उठता है।जीवन में सफलता भी एक
शतक की तरह ही है।इसे प्राप्त करने का भरसक और ईमानदार प्रयास
कीजिए।संदेश
मात्र यह कि सफलता एक शतक है – इसे प्राप्त कीजिए।
2- समस्या (Problem) : समस्याएँ जीवन का एक अनिवार्य अंग है।इनसे आपको कठिन से कठिन परिस्थितियों से जूझकर पार पाने की क्षमता हासिल होती है।ये फेंके जाने वाली फिरकी गेंद के समान हैं। इनको पूरे आत्मविश्वास के साथ खेलिए।समस्या एक फिरकी या यार्कर है – इसका सामना कीजिए।
3- असफलता (Failure) : जीवन में सफलता के साथ ही साथ असफलता की संभावना भी सदैव बनी रहती है और इसके प्रभाव में आकर यदि आपने अपने मनोबल को प्रभावित होने दिया, तो फिर जीवन का प्रयोजन तक समाप्त हो सकता है।अत: इसे जाने दीजिए।इसकी उपेक्षा कीजिये।असफलता एक बाउंसर है – इसे जाने दीजिए।
4- भाग्य (Luck) : भाग्य भी कई बार आदमी का साथ दे जाता है।अत: ऐसे
अवसर प्राप्त होने पर उनका पूरा सदुपयोग कीजिए।ऐसे मौकों
पर जरा सा भी आलस या गफलत बहुत महँगी पड़ सकती है।बुद्धिमान
इंसान हाथ आई किस्मत को कभी नहीं जाने देता।इसे फुल टॉस
बाल की तरह खेलिए।भाग्य एक फुल टॉस
है – इसका पूरा उपयोग कीजिए
5- अवसर (Opportunity) : अवसर भी भाग्य का समानार्थी है।इसका सही
समय पर सधा हुआ और सामयिक उपयोग आपके लिए सफलता के
द्वार खोल देता है।हमारी चिंता या चिंतन इसे ठीक से भुना पाने का
होना चाहिए।एक फ्री हिट बॉल के समान ही इसे
पूरे साहस के साथ खेलिए।अवसर एक
फ्री हिट है – इसे कभी मत चूकिए।
यही है क्रिकेट की कला को जीवन रण में साहस और सम्मान के साथ खेल पाने
का सही, सामयिक और सार्थक सूत्र।
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