1-अद्विका राउत, कक्षा - द्वितीय
न्यू स्टेवार्ट स्कूल, कटक, ओड़िशा
मेरे पापा
मेरे पापा सबसे प्यारे
हमारे घर के राजदुलारे
पापा घर में हाथ बँटाते
ढेर सारी मिठाई लाते।
पापा खुद तो कुछ न खाते
पर हम सबको ढेर खिलाते
पापा मेरे सबसे महान
मेरे लिए मेरे भगवान।
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2-एमानुएल बेहेरा, कक्षा - द्वितीय ,
न्यू स्टेवार्ट स्कूल कटक, ओड़िशा
1. सबकुछ एक
है...
घोड़ा गया जैल के अंदर
साँप गया पेड़ के अंदर
पेन्सिल गई बक्स के अंदर
सब कोई आ गए दुनिया के
अंदर।
2. मेरे मम्मी
और पापा
मम्मी है प्यारी -प्यारी
पापा हैं प्यारे -
प्यारे
जब हम सब हुए
प्यारे-प्यारे
दुनिया हो गई प्यारी
प्यारी।
3. रात बन जाती
सुबह
छोटी-छोटी बातें
बड़ी हो
जातीं हैं
लंबी-लंबी रातें
दिन में बदल जातीं हैं
आओ मिलकर करें पढ़ाई
मम्मी -पापा का नाम छुए
ऊंचाई।
4. काम करें
काम करने से आती बरकत
बरकत से है जिंदगी चलती
परिश्रम से ही करते रहो
इससे हमेशा खुशी है
मिलती।
5.तितली..
सुबह-सुबह आती है तितली
फूल-फूल पर जाती है
तितली
रंग बिरंगे पंख सजाए
सबके मन को भाती तितली।
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3-आराध्या राज, कक्षा - द्वितीय
न्यू स्टेवार्ट स्कूल, कटक, ओड़िशा
पेड़
पेड़ से आती ठंडी हवा
पेड़ है देती स्वच्छ हवा
उसके पत्ते हरे रंग के
डाल उसकी भूरे रंग की
पेड़ से हमें मिलती छाँव
पेड़ को तुम सब अपनाओ।
पेड़ से हम करते हैं
प्यार
वह हमारे जीवन का आधार।
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