Sunday, December 29, 2019
Saturday, December 7, 2019
151
बाल गीत
ज्योत्स्ना प्रदीप
1- चीनू भैया
चीनू
भैया सोये - सोए
उठकर देखो रोये - रोए ।
कहते टीचर डॉटेगी
नंबर मेरे काटेगी ।
कर सके नहीं तैयारी
आज परीक्षा है भारी ।
दीदी बोली ,"चुप हो जाओ ,
कुछ
पढ़ा दूँ ,पास तो आओ "!
2-सरदी आई
सरदी आई, सरदी आई ।
लेकर अपने संग रज़ाई ।
मोनू
माँगे टोपा नीला ।
सीमा का स्वेटर रँगीला ।
मूँगफली
के दिन फिर आए।
गाजर का हलवा भी खाए ।
मम्मी
मेवा बना रही है ।
तिल, बादाम
मिला रही है ।
पापा जब भी घर को आते ।
काजू वाला तिलकुट लाते ।
पापा
माँगे चाय निराली
कड़क बनी हो अदरक वाली।
दादा -दादी
काँपे थर - थर
कमरे में रख दो तुम हीटर ।
-0-
3-अक्कू का बर्थडे
सबसे लवली- लवली डे
अक्कू
का हैप्पी बर्थ डे ।
टॉम- जैरी वाला है केक
गिफ्ट
मिलते हैं उसे अनेक ।
छोले - पूरी और रसगुल्ले
खाना -गाना, हो हल्ले -गुल्ले ।
गोलगप्पे
हैं ,वड़ा, समोसा
सांभर,चटनी ,इडली - डोसा ।
ऊपर
से , टॉफी -चाकलेट
"मुझको बख़्शो "बोला रे पेट!
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4-गुब्बारे
गुब्बारे
प्यारे गुब्बारे
लगते कितनें ये न्यारे ।
लाल -लाल सोनू लाया
मोनू को पीला भाया ।
आरव नीला ले आया
हरा जिया के मन छाया ।
नभ में उड़ते हैं सारे
गुब्बारे प्यारे गुब्बारे ।
पापा जब भी आते हैं
गुब्बारे संग लाते हैं ।
हम तो खूब फुलाते हैं
कमरे में लटकाते है ।
खेल-खेल के न हारे ।
गुब्बारे प्यारे गुब्बारे ।
सब
रंग के गुब्बारे
लाता
जन्म-दिवस जिसकाभी आता
टाफी से भरा एक मटका
मोटा लाल
गुब्बारा लटका
फट कर ,टाफी बरसा रे
गुब्बारे प्यारे गुब्बारे।।
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Wednesday, June 26, 2019
Wednesday, May 8, 2019
Monday, April 22, 2019
Sunday, April 21, 2019
147-बालगीत
ज्योत्स्ना प्रदीप
1-इन्द्रधनुष
इन्द्रधनुष कितना प्यारा
रंगों की हो जैसे धारा
सात रंग का रथ जैसे
रंग भरा इक पथ जैसे ।
देखो-देखो बिन पैसे
रंगों की प्यारी धारा ।।
मन को खूब लुभाता है
इसको कौन चलाता है ।
दिख ना कोई पाता है
मन अपना इस पर वारा ।।
सब बालक हैं कितने खुश
चलो-चलो जी इन्द्रधनुष ।
प्रीत, मीत, आरव, आयुष
नभ चमका देखो सारा ।।
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2-प्यारा गाँव
कोयल गाये कू-कू कू,
तोते लो बतियाते हैं ।
टॉमी करता भौं-भौं भौं
पक्षी सब चहचहाते हैं ।
बंदर करता खो-खो खो
सारस करता क्रे-क्रे क्रे ।
मेंढक करता टर्र टर्र
बकरी करती में-में में ।
पूसी की म्याऊँ म्याऊँ,
कौवा करता काँव-काँव ।
दादी कहती अच्छा गाँव
सबसे अच्छे होते गाँव ।
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3-प्यारी चिड़िया
बालकनी में आती चिड़िया
मीठा गाना गाती चिड़िया ।
तिनका-तिनका लाती चिड़िया
अपना नीड़ बनाती चिड़िया ।
इक-इक दाना लाती चिड़िया
बच्चों को खिलाती चिड़िया ।
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4-बाघ
सभी जानवर लगते प्यारे
चिड़िया घर में बाघ दहाड़े ।
मैडम जी समझाती हैं
बाघ की कम अब जाति है ।
ये चौकन्ना, फुर्तीला है
रंग कत्थई, पीला है ।
जानवरों में न्यारा है
राष्ट्रीय पशु हमारा है ।
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5-छोटा मेंढक
मेंढक कितना छोटा है
पेट ज़रा पर मोटा है ।
करता है पेटू टर्र टर्र
भर जाता है ज़ब पोखर ।
पोखर में कागज़ की नाव
मेंढक का देखो न चाव ।
गोल-गोल आँखें मटकाता
देखो मेंढक नाव चलाता ।
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6-इक गिलहरी
एक गिलहरी आती है
बालकनी में आती है ।
टहनी से लो उतर गई
दाँतों से कुछ कुतर गई ।
आँखे भी मटकाती है
एक गिलहरी आती है ।
छूना चाहें जब उसको
भाग भाग वह जाती है ।
दाने कितने डालो पर
हाथ नहीं वह आती है ।
कुछ बीजों को खाती है
कुछ मिट्टी में छुपाती है ।
अनजाने भोली भाली
कितने पेड़ उगाती है ।
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