प्रकृति दोशी
फिर से दीवाली आई
संग लेकर खुशियाँ आई।
घर- घर हो
रही सफाई,
फिर से दीवाली आई।
अपने प्यारे घर में भी,
होगी लो आज
पुताई।
फिर से दीवाली आई।
दादी -मम्मी
मिलकर सब
बना रहे हैं मिठाई।
फिर से दीवाली आई।
हम भाई- बहनों
ने मिल
रंगोली है बड़ी सजाई।
फिर से दीवाली आई।
खूब बताशे खाएँगे हम
झोली भरकर मिलेगी लाई।
फिर से दीवाली आई।
घर के सब लोगों ने मिल
फुलझड़ी खूब चलाई।
फिर से दीवाली आई।
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