किसी भी शब्द में दो स्वर एक साथ नहीं जुड़ते । हिन्दी के प्रकाशक भी इन गलतियों के लिए जिम्मेदार हैं ।
वर्ण विन्यास समझ लें तो दिक्कत नहीं होगी ।
1-प्+र्+अ=प्र
2-द्+ध्+अ= द्ध
3-श् + र्+अ= श्र
4-श्+ॠ = शृ
5-श् +र्+अ+ॠ = श्रृ= हिन्दी में इसका अस्तित्व केवल गलत प्रयोगों में है ।कारण,दो स्वर एक साथ नहीं आ सकते।
6-ध्द=X कुछ लोग युध्द इस तरह लिखते हैं , जो गलत है ।
सही रूप है -युद्ध
8-कोई महाप्राण इस रूप में अल्पप्राण से पहले नहीं आता ।
र् का प्रयोग -क+र्+म= कर्म अगले वर्ण पर होता है । कुछ लोग आशीर्वाद को भूलवश आर्शीवाद लिखते हैं ।
श के पहले भाग को अलग घुण्डी की तरह भी बनाया जाता है जो पुराने समय से आज तक शब्दकोशों में शामिल है ।
इसे शब्द चित्र में समझाया गया है ।