मेरा आँगन

मेरा आँगन

Tuesday, January 1, 2008

चण्टू –बण्टू का नया साल








रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु

नए साल में क्या करेंगे ?’
-बण्टू बोला ।
चण्टू बोला –‘भाई मेरे
गाना गाएँगे ।’
‘गाना गाकर क्या करोगे ?’
‘दिल बहलाएँगे ।’
‘दिल बहलाकर क्या करोगे ?’
‘सुख बरसाएँगे ।
सुख बरसाकर इस भूमि पर
प्यार उगाएँगे ।’
बण्टू बोला –हम दोनों फिर
नाच दिखाएँगे ।
शैतानी भी खूब करेंगे
न घबराएँगे ।
जिसे भी सोता देखेंगे
उसे जगाएँगे ।
…………………

31-12-2007