मेरा आँगन

मेरा आँगन

Saturday, February 9, 2008

जाडे का सूरज



–नवीन चतुर्वेदी

जाडे के मारे सूरज ने
ओढ लिया कुहरा।

मुर्गे ने जब बांग लगाई
सूरज बन गया बहरा।

आठ बजे के बाद दिखाया
उसने अपना चेहरा ।

और शाम के छह बजते ही
भागा, फिर ना ठहरा।

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