Friday, January 27, 2012

किचन की रानी


-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

गुड़िया रानी बनी सयानी
कुछ  करके  दिखलाएगी ।
किचन का सभी काम सँभाला
दाल और भात पकाएगी ॥

14 comments:

  1. इस नन्हीं सी ‘मास्टर शेफ़’ को देख कर, साथ में एक प्यारी सी कविता पढ़ कर मन खुश हो गया...।

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  2. बहुत सुन्दर रचना। धन्यवाद।

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  3. kya baat hai vo dal bhat to me bhi khaungi.
    sunder chitr ke sath pyari kavita
    rachana

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  4. प्यारी सी गुडिया बहुत सुंदर है और साथ सुंदर रचना
    धन्यवाद.
    सादर
    अमिता

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  5. आने वाले कल की है ये कहानी

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  6. अरे वाह ! गुडिया रानी तो बहुत प्यारी लग रहीं हैं... अब इतना अच्छा दाल-भात कौन छोड़ेगा, हमारा भी हिस्सा रखियेगा.


    प्यारी सी गुडिया का प्यारा सा खाना
    तो कौन न होगा इसका दीवाना
    पापा जी, मम्मी जी, दादा जी दादी जी
    सबके संग मेरी भी थाली लगाना
    गरमागरम दाल-भात सबको खिलाना

    गुडिया रानी को ढेरों-ढेर आशीष सहित
    सादर
    मंजु

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  7. अरे वाह ! गुडिया रानी तो बहुत प्यारी लग रहीं हैं... अब इतना अच्छा दाल-भात कौन छोड़ेगा, हमारा भी हिस्सा रखियेगा.


    प्यारी सी गुडिया का प्यारा सा खाना
    तो कौन न होगा इसका दीवाना
    पापा जी, मम्मी जी, दादा जी दादी जी
    सबके संग मेरी भी थाली लगाना
    गरमागरम दाल-भात सबको खिलाना

    गुडिया रानी को ढेरों-ढेर आशीष सहित
    सादर
    मंजु

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  8. वाह ! इस मासूम गुडिया के हाथ का खाना तो अमृत ही होगा |

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  9. bahut pyari rachna, gudiya rani ka sach bhi hai ki dheere dheere sara kaam karne lagti hai.

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  10. ਮਨ ਖੁਸ਼ ਹੋ ਗਿਆ.........ਪਿਆਰੀ ਗੁੜੀਆ ਨੂੰ ਦੇਖ ਕੇ........ਬੁੱਲਾਂ ਦੇ ਹਾਸੇ ਨਾਲ਼ ਦਿਲ ਵੀ ਹੱਸ ਪਿਆ !

    ਹਰਦੀਪ

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  11. बहुत बढ़िया बाल रचना भावपूर्ण सरस .

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  12. अरे नही...इस नन्ही को कुछ पकाने की क्या जरूरत यह तो यूँ ही मन मोह लेगी...

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  13. अरे ! नन्हीं शेफ तो बहुत प्यारी लग रही है, रचना ने चार चाँद लगा दिए हैं...

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