Thursday, December 15, 2011

ओ मेरी मैया !



-रामेश्वर काम्बोज ’हिमांशु’
बात सुनो  ओ मेरी मैया !
ला दो मुझको ,सोनचिरैया
उसको दाना ,रोज़ खिलाऊँ
जीभर उससे ,मैं बतियाऊँ
उड़ना सीखूँ,मैं भी उससे
उसको मैं हँसना सिखलाऊँ
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7 comments:

  1. Sonchiraiya par bahut payari rachna...

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  2. bal mn ke taron pakdane me behad kamyab hai ap achhi rachna ke liye ...abhar.

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  3. उड़ना सीखूँ,मैं भी उससे
    उसको मैं हँसना सिखलाऊँ.....waah! bahut khub.....

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  4. उड़ना सीखूँ,मैं भी उससे
    उसको मैं हँसना सिखलाऊँ
    ...sundar baal sulabh rachna..

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