तितली रानी
प्रियंका गुप्ता
तितली रानी, तितली रानी
पास हमारे आओ न ,
पंख फैलाकर उड़ती कैसे
हमको भी सिखलाओ न ,
नीले, पीले, लाल , हरे कई
रंगों में भरमाओ न ,
जीवन का हर रंग समाया
तुमने अपने तन-मन में
सतरंगों की बौछारों में
हमको भी नहलाओ न ,
मस्ती से तुम रहती कैसे
यह गुण हमें सिखाओ न ,
तितली रानी, तितली रानी
पास हमारे आओ न ।
एम.आई.जी -292, कैलाश विहारआवास विकास योजना सं- एक,
कल्याणपुर, कानपुर-208017
(उ.प्र)
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मेरी कविता को यहाँ स्थान मिला, इसके लिए आदरणीय काम्बोज जी का दिल से आभार
ReplyDeleteबहुत प्यारी लगी, तितली रानी और कविता
ReplyDeleteवाह! कितनी प्यारी बाल कविता प्रियंका जी, मैंने तुरन्त अपनी भतीजी को भी भेज दी!!....
ReplyDeleteप्रियंका जी
ReplyDeleteबच्चों पर बहुत कम लोग कलम चलाते हैं ,
शायद वे अपना बचपन भूल जाते हैं |
आपकी तितली की कविता बहुत ही सुंदर है,
हमें एक बाल साहित्यकार मिल गयी | आप बधाई की पात्र हैं |श्याम हिंदी चेतना
बहुत सुन्दर, हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteप्यारी बाल कविता । बधाई ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर बाल कविता। बधाई प्रियंका जी।
ReplyDeleteबहुत प्यारी बाल कविता...बहुत बधाई प्रियंका जी।
ReplyDelete
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी बाल कविता प्रियंका जी, हार्दिक बधाई आपकोभी।
बहुत प्यारी बाल कविता. बधाई प्रियंका जी.
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी कविता
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteएक बार फिर आप सभी का बहुत बहुत आभार |
ReplyDeleteप्रीती जी, अपनी भतीजी को मेरा बहुत प्यार भी दीजिएगा |
आदरणीय श्याम जी को मेरा प्रणाम मेरा इतना उत्साह बढ़ाने के लिए |