1-डॉ.गोपाल
बाबू शर्मा
1-मुस्काना सीखो
सुन्दर खिले हुए फूलों से,
तुम हँसना-मुस्काना सीखो।
रंग-बिरंगे फूलों
जैसा,
जीवन सुघर बनाना सीखो।
सदा दूसरों की राहों में,
खुशी-खुशी बिछ जाना सीखो।
काँटों से घबराना कैसा,
दुख में भी इठलाना सीखो।
अच्छे कामों की खुशबू से,
तुम जग को महकाना सीखो।
यों ही झर जाने में क्या है,
कुछ करके दिखलाना सीखो।
-0-
2-काठ का घोड़ा
यह मत समझो ऐंठा हूँ मैं,
बस घोड़े पर बैठा हूँ मैं।
भले काठ का घोड़ा मेरा
मगर ठाठ का घोड़ा मेरा।
नहीं माँगता दाना-पानी,
फिर भी इस पर रहे जवानी।
एक सीट मैंने हथिया ली,
लेकिन अभी दूसरी ख़ाली।
आना है तो जल्दी आओ,
मेरे पीछे तुम जम जाओ।
है ऐसा अलबेला घोड़ा,
नहीं चाहिए इसको कोड़ा।
जिधर कहोगे उधर मुड़ेगा,
आसमान तक खूब उड़ेगा।
-0-[ जन्म-4 दिसम्बर, 1932, अलीगढ़, विभिन्न
विधाओं की तीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित,अलीगढ़ के महाविद्यालय से हिन्दी विभाग के
रीडर पद से सेवा निवृत्त]
2-सुनीता काम्बोज
1-तितली
बड़ी सयानी
तितली बड़ी सयानी है
ये फूलों की रानी है
नहीं पकड़ में आती है
झट से ही उड़ जाती है
फूलों से बतियाती है
क्यों हमसे डर जाती है
पास हमारे भी आओ
सखा हमारी बन जाओ
तुमको नहीं सताएँगे
आओ गीत सुनाएँगे
-0-
2- मूँगफली
ओ मूँगफली
मूँगफली ओ मूँगफली
कहा चली तू कहाँ चली
सर्दी में तू आती है
गर्मी में छुप जाती है
गर्म रेत में सिकती है
धरती में तू उगती है
सबके मन को भाती है
खोल पहन इतराती है
-0-
1-जब आये भोर
खिले
कमल जब आये भोर।
उड़कर पंछी करते शोर।
उड़कर पंछी करते शोर।
धीरे-धीरे आती धूप।
झाँक झील में देखे रूप।
उड़-उड़ कौआ ढूँढ़ें छाँव
बैठ नीम पर करता काँव।
बैठ नीम पर करता काँव।
चिड़िया ढूँढे रोशनदान
तिनके रखकर गाती गान।
बादल
देख नाचते मोर।
गरज-गरज बरखा घनघोर।
गरज-गरज बरखा घनघोर।
देख -देख बच्चों का चाव
तैर रही कागज़ की नाव।
जगमग
जुगनू बना कतार
चमके ज्यों हीरों का हार।
चमके ज्यों हीरों का हार।
नानी करे परी की बात।
आती जब तारों की रात।
-0-
2- ओढ़ लबादा
ओढ़
लबादा बादल वाला
क्यों बैठे हो सूरज भैया
हाड़ कँपाती सर्दी से क्या
तुम ऐंठे हो सूरज भैया।
क्यों बैठे हो सूरज भैया
हाड़ कँपाती सर्दी से क्या
तुम ऐंठे हो सूरज भैया।
जल्दी
जल्दी घर जाते हो
मम्मी ने क्या डाँट पिलाई
या फिर अच्छा लगता तुमको
सोते रहना ओढ़ रजाई।
मम्मी ने क्या डाँट पिलाई
या फिर अच्छा लगता तुमको
सोते रहना ओढ़ रजाई।
भूले
रहना रबड़ी कुल्फी
दूध जलेबी खूब मिलेगी।
मीठी-मीठी गुड़ की भेली
चखना तुमको खूब जमेगी।
दूध जलेबी खूब मिलेगी।
मीठी-मीठी गुड़ की भेली
चखना तुमको खूब जमेगी।
खिली-खिली सुंदर बगिया में
आओ जरा देर हम खेलें।
धूप गुनगुनी लगे सुहानी
जरा मजे इसके भी ले लें
आओ जरा देर हम खेलें।
धूप गुनगुनी लगे सुहानी
जरा मजे इसके भी ले लें
-0-
4-श्वेता राय
1-नानी
छुट्टी
आई छुट्टी आई।
बच्चों में है खुशियाँ छाई।
जायेंगें सब नानी के घर।
खेलेंगें हम सब जी भर कर।
बच्चों में है खुशियाँ छाई।
जायेंगें सब नानी के घर।
खेलेंगें हम सब जी भर कर।
प्यारी
प्यारी मेरी नानी।
मुझे सुनाती रोज कहानी।
हलवा पूरी मुझे खिलाती।
खेत बाग की सैर करती।
मुझे सुनाती रोज कहानी।
हलवा पूरी मुझे खिलाती।
खेत बाग की सैर करती।
नीति
रीत की बात सिखाती।
दुनियादारी भी समझाती।
कहती करना मत नादानी।
जीवन में तुम बनना ज्ञानी।
दुनियादारी भी समझाती।
कहती करना मत नादानी।
जीवन में तुम बनना ज्ञानी।
पढ़ना
लिखना आगे बढ़ना।
मुश्किल से तुम कभी न डरना।
आगे बढ़ कर नाम कमाओ
हम सब का जी तुम हरसाओ।
मुश्किल से तुम कभी न डरना।
आगे बढ़ कर नाम कमाओ
हम सब का जी तुम हरसाओ।
नानी
माँ अनमोल है,
नानी ममता रूप।
नानी से मिलता हमें, सरिता ज्ञान अनूप।।
नानी से मिलता हमें, सरिता ज्ञान अनूप।।
-0-
सरल, रोचक बालगीत पढ़कर आनंद आ गया..... सभी रचनाकारों को बधाई।
ReplyDeleteबहुत-बहुत प्यारी कविताएँ 👌👍
ReplyDeleteबच्चे पढ़कर ख़ुश हो जाएँ
बड़े पढ़ें मन में मुसकाएँ
सभी रचनाकारों को ख़ूब शुभ कामनाएँ ...💐😀
सादर धन्यवाद ज्योत्स्ना जी
Deleteडॉ.गोपाल बाबू शर्मा जी बहुत सुंदर सीख भरी रचनाओं के लिए बधाई।
ReplyDeleteसुनीता जी तितली और मूंगफली बहुत अच्छी कविताएँ, बधाई।
श्वेता जी नानी की कहानी बताती बहुत सुंदर बाल रचना, बधाई।
मेरी रचनाओं को यहाँ स्थान देने हेतु बहुत बहुत आभार।
गोपाल जी ,अनिता जी ,श्वेता जी बहुत मधुर सार्थक बाल रचनाएँ हार्दिक बधाई आप सबको
ReplyDeleteमेरी रचनाओं को स्थान देनें के लिए सादर धन्यवाद आदणीय भैया जी
सभी रचनाकारों की बहुत सुंदर रचनाएँ। बधाई।
ReplyDeletebaal kavitaa saari ek se badhakar ek haen .
ReplyDeletebadhaai .
बचपन के जाने कितने खूबसूरत पलछिन याद आ गए इन कविताओं को पढ़ के...| सभी को बहुत बधाई...|
ReplyDeleteबहुत प्यारी बाल कविताएँ। आप सभी रचनाकारों को बहुत बधाई।
ReplyDeleteसभी रचनाकारों की रचनाएं पढ़ी।प्राकृतिक रंग में रंगी बाल कविताएं सुंदर जीवन संदेश समेटे हुए हैं । बेहतरीन सृजन...सभी को बधाई....
ReplyDeleteपूर्णिमा राय
नमस्कार सर!!
ReplyDeleteसभी रचनाकारों की रचनाएं पढ़ी।प्राकृतिक रंग में रंगी बाल कविताएं सुंदर जीवन संदेश समेटे हुए हैं । बेहतरीन सृजन...सभी को बधाई....
सभी रचनाकारों की कवितायें प्रकृति और बड़ों के संदेशों से युक्त हैं |बच्चों के अनुरूप रची हुई हैं सभी को हार्दिक बधाई |
ReplyDeleteसभी रचनाएँ बाल सुलभ सुकोमल मन को हरसाने वाली है जिसके लिए आप सभी को बहुत -बहुत बधाई।
ReplyDelete