Friday, January 27, 2017

137-सस्वर कविताएँ


डॉ पूर्णिमा राय

1-हुआ सवेरा  
2-जीवन की मुस्कान किताबें
3-पुष्प की अभिलाषा
4-बरसो राम धड़ाके से
5-चाँद का कुर्ता
6.पैसा पास होता तो
6.जीवन की ही जय है
8-फूल और काँटा
9-.एक बूँद
10-.तितली

11.चन्दा मामा दूर के
12. कुछ काम करो