Friday, July 10, 2015

देश-प्रेम



सृष्टि
कक्षा 7वीं डी
विकास भारती पब्लिक स्कूल रोहिणी नई दिल्ली
-

देश के लिए जो है जान गँवाते
नहीं कभी वे शीश झुकाते
स्वाभिमान से रहना सिखाते
देश के रक्षक वे कहलाते

सीमा के हैं वे अटल प्रहरी
दुश्मन की गोली सीने पर खाते
चित्र: गूगल से साभार
कभी न किसी को पीठ दिखाते
मरने पर वे शहीद कहाते

है वे भी किसी माँ के लाल
किसी के पिता किसी के भाई
इनके ही कारण हम चैन से सोते
देख सकते नहीं वे किसी को रोते

पढ़-लिख कर हम आगे बढ़ेंगे
अच्छे-अच्छे नित कर्म करेंगे
देश  का  मान  बढ़ाएँगें
अच्छे बच्चे कहलाएँगे

हम भी देश की सेवा करेगे
देश से भ्रष्टाचार मिटाएँगे
देश को आगे बढ़ाएँगे
खुशहाल सभी को बनाएँगें

हरा-भरा हो देश हमारा
धन-धान्य से हो यह पूरित
स्वच्छ रहे यह धरा हमारी
जन-जन रहे यहाँ का हर्षित


16 comments:

  1. बहुत सुन्दर कविता है, इस नन्हीं कवियित्री को ढेरों अाशीष !

    ReplyDelete
  2. बालिका कवि को ढेरों आशीर्वाद. कविता लिखने की कोशिश जारी रखो. एक दिन खूब नाम कमाओगी. सु. व.

    ReplyDelete
  3. देश प्रेम से भरपूर सुन्दर कविता है नन्ही बच्ची द्वारा रची हुई |ढेरों आशीष और शुभकामनाएं |

    ReplyDelete
  4. सुन्दर भावों से भरी बहुत सुन्दर कविता !प्रिय सृष्टि को बधाई ...बहुत बहुत शुभकामनाएँ !

    ReplyDelete
  5. uunche vichaaron se bhari kavita, bahut pyari kavita hai,beTi srishTi ko badha
    pushpa mehra.

    ReplyDelete
  6. बहुत सुन्दर कविता लिखी है सृष्टि आपने....बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  7. देश भक्ति की सुन्दर कविता के लिए स्नेह युक्त बधाई
    आशा है आगे से और भी सुन्दर रचनाएँ देखने को मिलेगी।

    ReplyDelete
  8. देश भक्ति की बहुत सुंदर कविता। स्नेह युक्त बधाई।

    ReplyDelete
  9. desh bhakti se bhari kavita bahut hi achhi likhi hai .sukhad bhavishya ka sapana ho tum , desh ki tum bachhe hi to raxak ho. tumhare ujjval bhavishy ki kamana hai.badhai.
    apaki kavita padh kar maine jo pratikriya bheji thi shayad vah net ke connection ki gadbadi ke karan pahunchi nahin isliye dubara bhej rahi hun.
    pushpa mehra.b

    ReplyDelete
  10. desh bhakti se bhari kavita bahut achhi likhi hai.bahut shubhkamanayen.
    is kavita ko padh kar maine pahale bhi pratikriya bheji thi shayad vah kisi karanvash pahunch nahin pai.isliye dubara bhej rahi hun.b
    pushpa mehra.

    ReplyDelete
  11. बहुत सुंदर कविता । हार्दिक शुभकामनाएँ ।

    ReplyDelete
  12. नन्ही कवयित्री द्वारा रची गई अत्यंत सुन्दर रचना
    कविता भट्ट

    ReplyDelete
  13. बहुत अच्छा लिखते हो आप |

    ReplyDelete

  14. हम भी देश की सेवा करेगे
    देश से भ्रष्टाचार मिटाएँगे
    देश को आगे बढ़ाएँगे
    खुशहाल सभी को बनाएँगें

    bahut sarahniy soch bahut bahut shubhkamnaye...khub aage badho isi soch ko lekar...

    ReplyDelete
  15. देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत सुंदर कविता। प्रिय सृष्टि को ढेर सारी बधाई एवं स्नेहाशीष !

    ~सस्नेह
    अनिता ललित

    ReplyDelete
  16. इस नन्ही सी बच्ची की कलम निःसंदेह इसकी प्रतिभा को दर्शा रही...| बहुत प्यारी रचना है...| मेरा आशीर्वाद और ढेर सारी शुभकामनाएँ...|

    ReplyDelete